विकसित भारत के स्वप्न को पूर्ण करने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण
आप सभी का सकारात्मकता के प्रसारण हेतु स्थापित एवं संचालित संगठन सम्प्रभा के ब्लॉग पर स्वागत है
इस लेख के अंतर्गत हम शिक्षक की सामाजिक, नैतिक एवं विकासात्मक भूमिका पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे
1) सामाजिक क्षेत्र में यदि हम शिक्षक के बारे में बात करते हैं तो वह समाज का एक तबका जिसे मान मर्यादाओं का संपूर्ण ज्ञान है लेकिन किताबी ज्ञान उतना नहीं है तथा दूसरा तबका अर्थात् विद्यार्थी वर्ग जो अभी ना ही तो पुरुषोचित एवं स्त्रियोचित भूमिकाओं को प्राप्त कर पाया है और ना ही वह अभी रीति-रिवाजों का संपूर्ण ज्ञान रखता है के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करता है। शिक्षक भली भांति जानता है कि सामाजिक परिप्रेक्ष्य में किसी निर्णय के समय विज्ञान के तर्क का सहारा लिया जाए या जनजीवन की आस्था का। इसलिए राष्ट्र से रूढ़िवादी मान्यताओं को दूर करने तथा संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए शिक्षकों के कंधों पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
2) नैतिक परिप्रेक्ष्य में यदि हम बात करें तो शिक्षक को राष्ट्र के नैतिक चरित्र का मुखौटा होना चाहिए क्योंकि देश का असली विकास फैक्ट्रियों और कारखानों में नहीं अपितु विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में होता है। आमतौर पर विद्यार्थी अपने शिक्षक को अपना आदर्श मानते हैं इसलिए यदि हमें देश के भावी कर्णधारों के मूल में नैतिकता का नीर सींचना है तो इसके लिए न केवल आवश्यक अपितु अनिवार्य भी है कि हमारे शिक्षक संस्कृति एवं सभ्यता का आदर्श एवं उन्नत रूप भारत की कक्षाओं में प्रस्तुत करें। हमारे शिक्षक लाखों की संख्या में स्वच्छता सैनिकों को तैयार कर सकते हैं और राष्ट्रभक्ति हेतु प्रेरित कर सकते हैं।
3) हमारे शिक्षक ही गरीब परिवार से आने वाली प्रतिभाओं को पहचान कर उनके आगे के जीवन के लिए एक प्रारूप तैयार कर सकते हैं तथा उन्हें मार्गदर्शन दे सकते हैं इससे राष्ट्र से गरीबी दूर होगी तथा कार्यशील जनसंख्या का प्रतिशत बढ़ेगा
4) देश को यदि जातिवाद तथा सांप्रदायिकता एवं लैंगिक भेदभाव जैसी ज्वलंत समस्याओं से निजात पाना है तो इस में शिक्षक की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी।
फंडा यह है कि : शिक्षक उस कारीगर के समान है जो लोहेे से वीणा बना सकता है तथा उसे तलवार बनने से रोक सकता है अतः हमें ऑनलाइन शिक्षा के इस युग में गुरु की उचित भूमिका को पहचान कर उन्हें सम्मान देना चाहिए साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में गुणवत्ता स्थापित करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ बनना चाहिए
धन्यवाद
जय हिंद,जय भारत,जय भारतीय वीर,जय भारतीय सेना
Bhot khub
ReplyDeleteशुक्रिया जी
DeleteExcellent work
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Deleteअति उत्तम
ReplyDeleteशुक्रिया जी
DeleteGood one
ReplyDeleteशुक्रिया जी
DeleteGreat
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Deleteअति उत्तम
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Delete