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Showing posts from February, 2021

आदिवासी समाज की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं

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जोहार दोस्तों  एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है सकारात्मकता के लिए प्रतिबद्ध समूह, सम्प्रभा  के ब्लॉग पर, आशा करते हैं कि आप सभी स्वस्थ व प्रगति की ओर अग्रसर होंगे।  दोस्तों आज हम जिस विषय के बारे में सकारात्मक कंटेंट पढ़ने जा रहे हैं वह अपने आप में गौरव एवं प्रसन्नता का विषय है दरअसल हम आदिवासी संस्कृति की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालने जा रहे हैं-  तो चलिए शुरू करते हैं.... 1) एक ओर जहां संपूर्ण भारतवर्ष में दहेज का बढ़ता प्रचलन कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराधों की ओर अग्रसर करता है तो वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज भले ही शिक्षित ना हो पर दहेज जैसी कुरीति को अपने साथ नहीं रखता और तो और कई आदिवासी समुदायों में तो वर पक्ष लड़की वालों को शादी की आवश्यकता के रूप में दापा मूल्य भी चुकाता है। 2) यद्यपि बाल विवाह जैसी कुरीति अभी भी भारत के विभिन्न हिस्सों में दिखाई पड़ती है लेकिन यदि आप आदिवासी समाज की साक्षरता के आधार पर वहां होने वाले बाल विवाहों की संख्या का अंदाजा लगा रहे हैं तो शायद आप गलत सोच रहे हैं  देश के कई भागों के आदिवासियों द्वारा बाल विवाह पूर्व में ही प्रतिबंधित

सौर ऊर्जा का उपयोग कैसे बढ़ाएं और इसमें आने वाली बाधाओं को कैसे दूर करें

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उपयोग कैसे बढ़ाएँ सामुदायिक सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट - कम्युनिटी शेयर प्रोजेक्ट या सामुदायिक सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट तेजी से लोकप्रिय होने वाली विधि है ।  इसमें कई परिवार एक साथ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा का सामुदायिक प्रोजेक्ट लगा देते हैं जिससे सौर ऊर्जा प्लांट लगाने में आने वाली लागत आपस में बंट जाती है और इससे बनने वाली विद्युत आपस में साझा कर ली जाती है. अगर इस विधि को बड़े शहरों में लागू कर दिया जाए तो बिजली  बचत में बहुत बड़ा फायदा होगा। पानी में सौर ऊर्जा प्लांट - पानी में सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर भूमि संबंधी समस्या से निजात पाया जा सकता है इस प्रोजेक्ट में हम समुद्र के शांत इलाके, तालाब,झील  और अन्य जगहों को शामिल कर सकते हैं। उद्योगों में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाया जाए -  ऊर्जा के उपयोग में अव्वल नंबर पर उद्योग क्षेत्र का नाम आता है, कई बड़ी कंपनियों में अगर हम सौर ऊर्जा संयंत्र को लगाकर उपयोग करने लगेंगे तो इससे विद्युत खर्च में बड़ी कमी आएगी और साथ ही साथ प्रदूषण में भी गिरावट आएगी। परिवहन में उपयोग - एक सरकारी आंकड़े के अनुसार कुल ऊर्जा का 80% उपयोग परिवहन और उद्योग क्षेत्र  में होता ह

मैं ही आदिवासी हूं, आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपराओं पर कविता

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 जोहार दोस्तों  स्वागत है आप सभी का एक बार फिर से सकारात्मकता की दुनिया, सम्प्रभा में दोस्तों क्या आप भी चाहते हैं कि आप अपने जीवन में सोशल मीडिया पर जो भी देखें वह सकारात्मक ही देखें जिससे आपको अपने लक्ष्य प्राप्ति में सहायता और सहूलियत रहे मुझे लगता है आप कहेंगे हां तो फिर सब्सक्राइब कर दीजिए हमारे ब्लॉग को और यूट्यूब पर देखिए हमारे शानदार सकारात्मकता से पूर्ण वीडियो (@SAMPRABHA) मित्रों अभी हम देश के आदिवासियों के बारे में एक महत्वपूर्ण और हृदय को प्रसन्न करने वाली कविता पढ़ने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ और आपका सहयोग देते रहिए दोस्तों मुझे लगता है कि एक आदिवासी निम्न प्रकार अपने बारे में कुछ सत्य धारणाएं रखता होगा-  धरती मां का बेटा हूं मैं, मैं ही आदिवासी हूं  कभी भील हूं कभी हूं सांसी, कभी मैं गारो खासी हूं एकलव्य सी जिज्ञासा हूं, काली बाई सा तेज हूं कुछ लिखा गया कुछ रह गया मैं इतिहास का वह पेज हूं अन्याय का बदला लेता हूं मैं भगवन् बिरसा की संतान  जोहार बोल कर कहता हूं मैं, मेरे माता-पिता और धरती महान संस्कृति की नदियां हैं और परंपरा की झील है वीरता का अप्रतिम उदाहरण नानक औ

यातायात नियमों की पालना के कुछ अनोखे तरीके और महत्वपूर्ण सुझाव

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  नमस्कार दोस्तों  एक बार फिर से आप सभी का हार्दिक अभिनंदन है एक ऐसे प्लेटफार्म पर जो कि आपकी जिंदगी को संवारने और उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जी हां सकारात्मकता से प्रज्वलित भारत (सम्प्रभा) आपके सामने एक और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा लेकर प्रस्तुत है- मित्रों आज हम बात करने जा रहे हैं कि हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि यातायात नियमों की अनुपालना सुनिश्चित की जा सके- 1) सदैव खुद नियमों का पालन करें - अक्सर यह  देखा जाता है कि सड़क सुरक्षा को हम अपनी जिम्मेदारी समझे बिना लापरवाही करते रहते हैं और दुर्घटना घटित होने पर छींटाकशी का दौर शुरू हो जाता है लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि हरेक बदलाव जो हम दुनिया मेंं देखना चाहते हैं उसकी शुरुआत हमें खुद से करनी होगी 2) विद्यालयों और महाविद्यालयों में सड़क सुरक्षा शिक्षा पर जोर :- वर्तमान में राजस्थान एवं अन्य कई राज्योंं के विद्यालय पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय को शामिल किया गया है लेकिन मुझे लगता है अभी हमें विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के सैद्धांतिक की बजाए अनुप्रयोगात्मक महत्व समझाना होगा अतः विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के निय