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निजीकरण के अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

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सभी विषय विशेषज्ञों की भावना के अनुसार निजीकरण अमूल्य हो सकता है ।  जहाँ तक उच्चतर अनुकूलनशीलता और उन्नति की बात करें तो निजीकरण से अर्थव्यवस्था में तेजी आने की संभावना रहती है कार्यस्थल में सुधार होता है । निम्नलिखित बिंदुओं की सहायता से हम निजीकरण के अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव को देखते हैं- (1) लागत में कमी निजीकरण से लागत में कमी आती है क्योंकि निजी स्वामित्व वाली संस्थाओं में लागत को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है जबकि सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं में लागत कम करने की ओर ध्यान कम आकर्षित होता है । (2) निवेश में वृद्धि सरकारी क्षेत्र के विस्तृत होने के कारण एवं देश के विकास से संबंधित अन्य कार्य होने के कारण एवं सरकार के पास वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण सरकार सरकारी संस्थाओं में निवेश कम कर पाती है ।  अगर इन संस्थाओं का निजीकरण किया जाता है तो निजी स्वामियो के पास सीमित कार्य एवं असीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण यह निवेश अधिक कर पाएंगे जिससे इनकम बढ़ेगी और देश की जीडीपी में भी वृद्धि होगी ।         (3)निजीकरण अलगाव या समाप्ति का भय पैदा करता है सरकारी कर्मचारियों

भारतीय अर्थव्यवस्था और विनिवेश

 भारतीय अर्थव्यवस्था और विनिवेश  भूमिका-                  भारतीय  अर्थव्यवस्था विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है आजादी के बाद नियोजन के प्रारंभिक वर्षों में मिश्रित अर्थव्यवस्था को आर्थिक विकास का आधार बनाया गया अर्थात भारतीय अर्थव्यवस्था में निजी व सार्वजनिक क्षेत्र दोनों क्षेत्रों का महत्व होगा देश की  तात्कालिक जरूरतों के अनुसार कुछ उद्यमों  को सार्वजनिक क्षेत्र में रखा गया और कुछ उद्यमों को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया । बदलते वक्त देश की जरूरतों के अनुसार समय-समय पर सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश अर्थात निजी करण किया गया और इनको भी निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया । कुछ अर्थशास्त्री इस विनिवेश के पक्ष में होते हैं और कुछ विपक्ष में लेकिन विनिवेश का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक उपक्रमों को बाजार की शक्तियों के अधीन लाना और इनके प्रबंधन को अधिक व्यवसायिक और लाभप्रद  बनाया जाना है। इस तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कार्यकुशलता व प्रबंधन में सुधार करना निजी करण का प्रमुख लक्ष्य माना जाता है लेकिन अधिकांश मामलों में देखा गया है कि सरकार के विनिवेश का लक्ष्य धन जुटाना रहा है और विनिवेश