प्लास्टिक प्रदूषण कम करने हेतु तकनीकी नवाचार
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका सकारात्मकता को समर्पित ' संप्रभा ' के ब्लॉग पर। जैसा कि हम सब जानते हैं कि वर्तमान में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। इस सन्दर्भ में विभिन्न पक्ष उल्लेखनीय हैं चाहे वह वायु हो, जल या फिर भूमि इन सभी के प्रदूषण से पृथ्वी पर जीवन को खतरा पैदा हो रहा है। वायु प्रदूषण की स्थिति , कारणों और तकनीकी नवाचार आधारित समाधानों पर हम चर्चा कर चुके हैं। आज हम चर्चा करने जा रहे हैं भूमि और जल को प्रदूषित करने वाले एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कारक प्लास्टिक की। वर्तमान में यह अत्यंत चिंतनीय विषय बना हुआ है इस ब्लॉग में हम इस प्रदूषण से निबटने के तकनीकी पहलुओं की बात करेंगे। इस समस्या से तकनीकी तौर पर निबटने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ [1] ने निम्न रूपरेखा सुझाई है: यहाँ हम मुख्यतः प्रथम चरण की बात करेंगे क्योंकि आगे के कदम प्रथम चरण पर ही काफी हद तक निर्भर करते हैं: नैनोटेक्नोलाजी का इस्तेमाल नैनोटेक्नोलाजी के उपयोग द्वारा गत्ते और कागज जैसे पदार्थों को उनके प्रयोग क्षेत्र के अनुरूप ढाला जा सकता है।जैसे- गत्ते पर जल प्रतिरोधक नैनोमेट...