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बेरोज़गारी की समस्या का वैयक्तिक स्तर पर समाधान

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स्वागत है आपका संप्रभा के ब्लॉग पर, संप्रभा परिवार आशा करता है कि आप अपने जीवन में एक सकारात्मक सोच के साथ जीवन में प्रगति पथ पर अग्रसर हैं। आज हम बेरोज़गारी जैसी महत्त्वपूर्ण समस्या के उपेक्षित-से पक्ष की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। निश्चित ही, ये ऐसी समस्या है जिस पर सरकारी स्तर के प्रयासों और नीतियों का सर्वाधिक महत्त्व है पर आज हम उस बिंदु से हटकर कुछ बात करते हैं:  बेरोज़गारी एक बहुआयामी समस्या है। गहन अध्ययन की दृष्टि से देखा जाए तो इस समस्या के अनेक पक्ष हैं जिन पर विश्लेषणात्मक चर्चा संभव है उदाहरणार्थ: अर्थव्यवस्था के स्थूल दृष्टिकोण के अंतर्गत इस समस्या के विभिन्न नीतिगत, राजनीतिक एवं सामाजिक कारकों पर बात की जा सकती है लेकिन आज की चर्चा का केंद्र कुछ अलग है। आज हम बात करेंगे कि हम स्वयं के स्तर पर आत्मनिर्भर होने के लिए क्या कर सकते हैं:  यहाँ हम कुछ तथ्यों को समझते हैं:  स्वयं को सही मायनों में शिक्षित करना भारत की शिक्षा पद्धति की अपनी खामियाँ हैं, जिनका निबटान समय एवं प्रभावी शिक्षा नीतियों की अनुप्रोयाजाना पर  निर्भर करता है परंतु यहाँ एक बिंदु है जिस पर हम अपन

तनाव: शारीरिक पक्ष एवं समाधान

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स्वागत है आपका संप्रभा के ब्लॉग पर, आज हम चर्चा करने जा रहे हैं: तनाव के शारीरिक पक्ष के बारे में। जैसा की सर्वविदित है कि मानसिक तनाव बहुत-सी शारीरिक परेशानियों को जन्म देता है। तनाव अधिक होने पर सामान्य जुकाम-बुखार से लेकर हृदयाघातों का ख़तरा बढ़ जाता है। तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।  तनाव मनुष्य को निष्क्रिय बना देता है।(Kolehmainen & Sinha, 2015).  विभिन्न शोधों से इस सन्दर्भ में दो बातें स्पष्ट होती हैं: १. शारीरिक गतिवधियाँ तनाव को ख़त्म करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। २. तनाव सक्रिय शारीरिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करता है। अतः तनाव के समुचित प्रबंधन के लिए केवल शारीरिक गतिविधियाँ पर्याप्त नहीं है। हमें कुछ ऐसा करना होगा कि तनाव किसी अन्य क्रियाविधि द्वारा भी कम हो। इसके लिए विभिन्न यौगिक क्रियाओं का सहारा लिया जा सकता है। ये यौगिक क्रियाएं जैव-रासायनिक रूप से हमारी मानसिक संरचना को प्रभावित करती हैं जिससे तनाव कम होता है। यहाँ यह बात ध्यान देने योग्य है कि योग केवल शारीरिक क्रिया नहीं है बल्कि इसमें ध्यान की क्रिया भी सम्मिलित होती है जिससे सकारात्मकता का