आदिवासी समाज की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं
जोहार दोस्तों एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है सकारात्मकता के लिए प्रतिबद्ध समूह, सम्प्रभा के ब्लॉग पर, आशा करते हैं कि आप सभी स्वस्थ व प्रगति की ओर अग्रसर होंगे। दोस्तों आज हम जिस विषय के बारे में सकारात्मक कंटेंट पढ़ने जा रहे हैं वह अपने आप में गौरव एवं प्रसन्नता का विषय है दरअसल हम आदिवासी संस्कृति की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालने जा रहे हैं- तो चलिए शुरू करते हैं.... 1) एक ओर जहां संपूर्ण भारतवर्ष में दहेज का बढ़ता प्रचलन कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराधों की ओर अग्रसर करता है तो वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज भले ही शिक्षित ना हो पर दहेज जैसी कुरीति को अपने साथ नहीं रखता और तो और कई आदिवासी समुदायों में तो वर पक्ष लड़की वालों को शादी की आवश्यकता के रूप में दापा मूल्य भी चुकाता है। 2) यद्यपि बाल विवाह जैसी कुरीति अभी भी भारत के विभिन्न हिस्सों में दिखाई पड़ती है लेकिन यदि आप आदिवासी समाज की साक्षरता के आधार पर वहां होने वाले बाल विवाहों की संख्या का अंदाजा लगा रहे हैं तो शायद आप गलत सोच रहे हैं देश के कई भागों के आदिवासियों द्वारा बाल विवाह ...