Posts

Showing posts from October, 2020

How Guardians Can Play an Important Role in Academic Integrity

Image
Introduction Academic Integrity generally means the adoption of honest practices in the academic world. The term holds importance for elementary school students to research students. Education, in general, aims at the overall development of the students. It aims at enlightening them in a manner that helps them throughout their life. Developing a sense of integrity is also part of it.  Educational Institutes have to play their vital role here. But, when we go deep into defining the scope of the education system, we find parents or guardians a part of it. Education in an informal way starts at home. The development of ethical and moral values happens at home initially. Not only this, common students spend most of the time with their parents or guardians. So, taking this into account, today we are going to discuss the role guardians can play in the development of academic integrity. The Problem Present Corona Pandemic has affected educational practices in a transformative manner like nev

We Should Help Others.....

Image
 Hello my dear friends I hope that you will be safe in your place. It is my I rigid belief that Samprabhagroup will be helping you in living a positive life. Now again your own positivity spreading group Samprabha is presenting an article about the importance of helping others- Why the world need help today? and what we should do -   In the Modern era of Technology and Science, we cannot deny that we are growing up but still most of the world's population is suffering from problems that problems may belong from different categories. Many people don't get food every evening and at night. Even our country possesses 94th rank in the recently published hunger index then we can think about how many people need help to get food daily.  As we all are familiar with the rude behaviour of some people with mothers and sisters across the country that's why we should train women to be capable for self-defence as well as we should save them from the abductors,  so I can say that we sh

जल संरक्षण के क्षेत्र में किसका क्या कर्तव्य?

Image
नमस्कार दोस्तों आशा है कि आप सभी अपने यथा स्थान खुश होंगे और अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर बढ़ रहे होंगे। आपकी यात्रा को ऊंचाइयां देने वाले समूह सम्प्रभा के ब्लॉग पर आप सभी का स्वागत है। आज हम बात करने जा रहे हैं कि भविष्य में सामाजिक और व्यक्तिगत तथा सरकारी स्तर पर किन प्रयासों के माध्यम से जल संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया जा सकेगा 1) व्यक्तिगत स्तर पर अपेक्षित प्रयास :- जल संरक्षण के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए भविष्य में देश के नागरिकों से व्यक्तिगत स्तर पर निम्न प्रयास अपेक्षित हैं - क) प्रत्येक व्यक्ति दैनिक जीवन में अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं में जल का सीमित उपयोग करे।  ख) घरेलू क्रियाओं में जल का उपयोग सीमित करें। ग) जल का किसी भी रूप में अपव्यय होता देखकर अपने आप को एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पेश करते हुए अपने स्तर पर इसके संरक्षण के प्रयास करें और प्रशासन को भी सूचित करे। 2) सामाजिक स्तर पर अपेक्षित प्रयास:- जल का पूर्णतया संरक्षण सामाजिक स्तर पर एकीकृत प्रयासों से ही संभव है, अतः समाज के सदस्यों से निम्न प्रयास अपेक्षित हैं- क) जल संरक्षण के लिए बना

रामायण की मनोवैज्ञानिक शिक्षाएं

Image
 नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका सकारात्मक किरणों से प्रकाश फैलाने वाले समूह सम्प्रभा के ब्लॉग पर। आज हम रामायण के मनोवैज्ञानिक और शिक्षाप्रद तथ्यों पर चर्चा करने जा रहे हैं, जिनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं- 1. कर्तव्यपालन:- रामायण के अध्ययन के पश्चात हम पाते हैं कि श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ की आज्ञा का सदैव पालन किया, इसके लिए उन्होंने वनवास जानेे को भी सहर्ष स्वीकार किया तथा बाद में जब भरत उन्हें इस बात के लिए मनाने गए कि वे ही राज्य की सत्ता ग्रहण करें तो उन्होंने पिता की आज्ञा पालन का हवाला देकर 14 वर्ष से पहले अयोध्या वापस आने को मना कर दिया। इसके अलावा हम पाते हैं कि लक्ष्मण,श्री हनुमान जी और सीता माता भी हर एक स्थान पर अपने कर्तव्य का पालन करते हुए दिखाई देते हैं। 2. मूल्यों से युक्त समाज की ही उन्नति संभव:- रामायण के अनुसार तत्कालीन अयोध्या नगरी आदर्शों और मूल्यों का पर्याय थी, साथ ही हमें यह भी जान लेना चाहिए कि मूल्य विहीन समाज एक कोरी कल्पना मात्र है वर्तमान में जहां हम भौतिकवादी वस्तुओं की प्राप्ति हेतु लोगों को मूल्यों से परे जाते हुए देख रहे हैं तब यह आव

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भविष्य में अपेक्षित प्रयास

Image
नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है सकारात्मकता के प्रसारण  के लिए स्थापित और संचालित समूह संप्रभा के ब्लॉग पर।  रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भविष्य में सरकारी स्तर पर कौन से प्रयास अपेक्षित हैं, हम इन प्रयासों को निम्न प्रकार सूचीबद्ध कर रहे हैं - 1) शिक्षा समाज की उन्नति का सूचक होती है और शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किए बिना आत्मनिर्भरता एक कपोल कल्पना से अधिक कुछ नहीं है। हमारी नवीन शिक्षा नीति 2020 के आधारभूत सिद्धांत कौशल युक्त शिक्षा के प्रावधान के लिए प्रतिबद्ध हैं अतः सरकारी और निजी स्तर पर इसके समुचित नियमन  के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि भारत की कक्षाओं में छात्रों को ज्ञान का सिंक बनाने की बजाय  कौशल स्रोत बनाया  जा सके। । इससे हमारे देश के छात्रों को रक्षा उपकरणों को बनाने में त्वरित दक्षता हासिल होगी। 2) जैसा कि सरकार ने विगत कुछ समय में कुछ रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई है इसे चरणबद्ध तरीके से आगामी समय में भी जारी रखना चाहिए और भारत में रक्षा और तकनीकी संबंधित उद्यमों की निविदा भारतीय मूल की कंपनियों को ही दी जानी चाहिए अन