रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भविष्य में अपेक्षित प्रयास


नमस्कार दोस्तों
एक बार फिर से आपका स्वागत है सकारात्मकता के प्रसारण के लिए स्थापित और संचालित समूह संप्रभा के ब्लॉग पर।


 रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भविष्य में सरकारी स्तर पर कौन से प्रयास अपेक्षित हैं,
हम इन प्रयासों को निम्न प्रकार सूचीबद्ध कर रहे हैं -
1) शिक्षा समाज की उन्नति का सूचक होती है और शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किए बिना आत्मनिर्भरता एक कपोल कल्पना से अधिक कुछ नहीं है। हमारी नवीन शिक्षा नीति 2020 के आधारभूत सिद्धांत कौशल युक्त शिक्षा के प्रावधान के लिए प्रतिबद्ध हैं अतः सरकारी और निजी स्तर पर इसके समुचित नियमन के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि भारत की कक्षाओं में छात्रों को ज्ञान का सिंक बनाने की बजाय कौशल स्रोत बनाया जा सके। ।
इससे हमारे देश के छात्रों को रक्षा उपकरणों को बनाने में त्वरित दक्षता हासिल होगी।

2) जैसा कि सरकार ने विगत कुछ समय में कुछ रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाई है इसे चरणबद्ध तरीके से आगामी समय में भी जारी रखना चाहिए और भारत में रक्षा और तकनीकी संबंधित उद्यमों की निविदा भारतीय मूल की कंपनियों को ही दी जानी चाहिए अन्यथा फिर अगर हम दूसरी कंपनियों को यह काम देते हैं तो यह तो वही बात हुई "पुरानी बोतल में पुरानी शराब।"

3) भारत प्रतिभाओं का देश है, हमारे तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्ययार्थियों को भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम जैसे प्रेरक व्यक्तित्व के बारे में बताना चाहिए जिन्होंने वतन की सेवा की खातिर विदेश की सैकड़ों कंपनियों के प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए, साथ ही सरकार को भी कोशिश करना चाहिए कि उन विद्यार्थियों को अपना अध्ययन पूरा करने के पश्चात देश में ही अपेक्षित वेतन या पैकेज पर काम मिल सके ताकि वे देश की मिट्टी के लिए काम कर सके।

4) रक्षा उपकरणों के निर्माण को सरकारी क्षेत्र में केंद्रित करने की बजाए देश के ही निजी उद्योगों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।

5) रक्षा एवं तकनीकी क्षेत्र में नवाचार करने वाले वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और अन्य प्रबुद्धजनों को समय-समय पर पुरस्कृत किया जाना चाहिए।

6) निर्माण किए जाने वाले उपकरणों एवं वस्तुओं के गुणवत्ता मानक वर्तमान में विदेश से प्राप्त किए जाने वाले सामान से अधिक होने चाहिए ताकि हम सक्षम एवं समृद्ध हो सकें।

मैंने उपर्युक्त वर्णन के अनुसार अपने सुझाव रखे हैं, कमेंट बॉक्स के माध्यम से सभी पाठकों के सुझाव आमंत्रित हैं।

धन्यवाद
जय हिंद,जय भारत,जय भारतीय वीर, जय भारतीय सेना

Writer- RAJENDRA MINA

हमसे निरंतर जुड़े रहने और सुझाव देने के लिए हमें नीचे दिए गये सोशियल मीडीया हैंडल्स पर फॉलो करना ना भूलें:

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

मैं ही आदिवासी हूं, आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपराओं पर कविता

विश्नोई समाज की उपलब्धियाँ

वे क्षेत्र जिनमें प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल समाप्त किया जा सकता है