वे क्षेत्र जिनमें प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल समाप्त किया जा सकता है

 नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है आपका सकारात्मकता की दुनिया संप्रभा में।

आज हम आपको बताएंगे कि ऐसे कौन  से क्षेत्र है जिनमें प्लास्टिक का यूज़ बिल्कुल बंद कर देना चाहिए, क्यों बंद करना चाहिए और इसके साथ ही ऐसी कौन-कौन सी प्लास्टिक की वस्तुएं हैं जिनका प्रयोग पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए और उसके स्थान पर आप कौन सी वस्तुओं का प्रयोग कर सकते हैं यह सब मैं आपको इस ब्लॉग में बताने जा रहा हूं इसलिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़ना।

ऐसे क्षेत्र जिनमें प्लास्टिक का यूज़ बंद होना चाहिए


1. क्लिनिक , हॉस्पिटल , मेडिकल में

क्लिनिक, हॉस्पिटल, मेडिकल, पर प्लास्टिक का उपयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक पर्यावरण, मानव जीवन, जीव जंतु, पशु पक्षी, सभी के लिए कितनी हानिकारक है यह Doctor's अच्छे से जानते हैं इसलिए इन क्षेत्रों में प्लास्टिक का यूज आंशिक रूप से बंद करके और लोगों को भी इन से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।

2. स्कूल , कॉलेजों मे प्लास्टिक का प्रयोग बंद

स्कूल व कॉलेज से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में युवाओं को स्कूल एवं कॉलेज में ही बताया जाना चाहिए तथा स्कूल कॉलेज में प्लास्टिक की कुर्सियां, प्लास्टिक की पानी की बोतल, जोमैट्रिक बॉक्स आदि प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग बंद कर देना चाहिए तथा इनके स्थानापन्न वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

3. सरकारी कार्यालयों में

देश के सभी सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक का यूज़ बंद करके देश की जनता के लिए एक उदाहरण पेश किया जा सकता है सरकारी कार्यालय की तर्ज पर प्राइवेट कार्यालय भी प्लास्टिक की यूज़ को कम करने के लिए बाध्य होंगे जिससे देश में से काफी हद तक प्लास्टिक को कम किया जा सकता है।

4. आंगनवाड़ी में प्लास्टिक का यूज़ बंद होना चाहिए

छोटे बच्चे आंगनवाड़ी से ही सीखना शुरू करते हैं वहां से ही वह प्लास्टिक का यूज नहीं करेंगे और प्लास्टिक की वस्तुओं को नहीं देखेंगे तो उन्हें उनकी आदत नहीं लगेगी तथा वह इन वस्तुओं के दुष्प्रभावों के बारे में जानने लगेंगे तो वह इनका उपयोग कम करेंगे तथा प्लास्टिक का उपयोग पूर्ण रूप से बंद करना है तो हमें यही से शुरुआत करनी होगी।

ऐसी वस्तुएं जिनमें प्लास्टिक का प्रयोग बंद होना चाहिए तथा उनके स्थान पर प्रयोग होने वाली वस्तुएं

1. प्लास्टिक बैग / प्लास्टिक पाउच

प्लास्टिक बैग / पाउच बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किए जा रहे हैं और यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है किराना स्टोर, मेडिकल, क्लॉथ स्टोर, या किसी भी व्यापारी के पास प्लास्टिक बैग /  पाउच मिल जाएंगे जो पर्यावरण के लिए घातक साबित होते जा रहे हैं इनका प्रयोग पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए। 

प्लास्टिक बैग / प्लास्टिक पाउच के स्थान पर कागज के पाउच और कपड़े के बैग का प्रयोग करना चाहिए।

2. प्लास्टिक के डस्टबिन का उपयोग बिलकुल बंद कर देना चाहिए

प्लास्टिक के डस्टबिन के स्थान पर लकड़ी के डस्टबिन / लोहे के डस्टबिन का उपयोग करना चाहिए। सुखी कचरे के लिए मोटे कागज का डस्टबिन भी बहुत उपयोगी रहता है अथवा जैव निम्नीकरणीय बैग्स का भी उपयोग संभव है।

3. प्लास्टिक के कप गिलास

अधिकतर चाय की दुकानों, गन्ने के रस के ठेलों, जूस सेंटरों पर प्लास्टिक के कप या गिलास यूज में लिए जाते हैं गरम चाय जैसे ही प्लास्टिक के कप में डालते हैं तो प्लास्टिक की कुछ मात्रा चाय के साथ घुल जाती है जो हमें दिखाई भी नहीं देती है जो मानव शरीर के लिए हानिकारक होती है।

इसलिए प्लास्टिक के कप/ गिलास के स्थान पर कागज के कप / गिलास का प्रयोग किया जा सकता है तथा मिट्टी के कप / गिलास और कांच के कप / क्लास का प्रयोग भी उचित रहता है।



4.  शादी समारोह / अन्य उत्सव में प्रयोग होने वाली प्लास्टिक की प्लेटें

शादी समारोह / अन्य उत्सव में प्लास्टिक प्लेट्स और चम्मच का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है  और झूठी प्लास्टिक की प्लेटों को जलाने से वायु प्रदूषण होता है तथा इन प्लेटो को ना जला कर खुले में फेंकने से आवारा पशु इन्हें खाकर बीमार पड़ रहे हैं इसलिए प्लास्टिक प्लेटो का प्रयोग पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए।

इनके स्थान पर प्राचीन काल की तरह ही पत्तों की प्लेट्स और लकड़ी की चम्मच का उपयोग करना चाहिए।



5. प्लास्टिक के खिलौने बंद होने चाहिए

बच्चे देश का भविष्य होते हैं और देश के भविष्य के जीवन की शुरुआत प्लास्टिक जैसी जहरीली वस्तु से बने खिलौनों से होती है तो बच्चे बचपन से ही प्लास्टिक के उत्पादक के आदी हो जाते हैं इसलिए प्लास्टिक के खिलौनों को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए।

प्लास्टिक के खिलौने के स्थान पर मिट्टी से बने खिलौनों का उपयोग करना चाहिए जिससे बच्चों को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रेरणा मिलती है।

                     

6. प्लास्टिक की पानी की बोतलों के उपयोग को बंद करके इनके स्थान पर स्टील की बोतल का उपयोग करना चाहिए

प्लास्टिक के कोल्ड ड्रिंक की बोतल का उपयोग बंद करना चाहिए तथा इनके स्थान पर कांच  की वोटल का प्रयोग भी किया जा सकता है या आज कल कहीं जूस बनाने वाली कंपनियां इनके स्थान पर कागज के पाउच का प्रयोग कर रही है तो हमें इन्हें बढ़ावा देना चाहिए

7. प्लास्टिक की डेकोरेशन की वस्तुओं के उपयोग को पूर्ण रुप से बंद कर देना चाहिए तथा उनके स्थान पर अपने घर/ दुकान आदि को डेकोरेट करने के लिए सजावटी पेड़ - पौधों , फूल आदि कुदरती वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए।

8. वर्तमान में प्लास्टिक के टूथब्रश के स्थान पर बाँस के टूथब्रश का इस्तेमाल किया जा सकता है। 


9. हम प्लास्टिक पेन्स के स्थान पर बाँस के बने पेन्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।  


10. साथ ही हम प्लास्टिक के earbuds के स्थान पर बाँस के स्वैब्स का उपयोग कर सकते हैं। 

लेखक: मोहन चौधरी

Comments

  1. Bahut hi badhiya Ji, ye aaj ke samay ki need hai

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  2. It's a way to do something for our mother Nature.....
    👍👍

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  3. यह सुझाव दिया गया है और यह भी स्वीकार्य है कि हम प्लास्टिक सामग्री को बैग, कूड़ेदान, टब, चाय के कप, चम्मच, बोतल और कृत्रिम पौधों से अलग कर सकते हैं।
    => लेकिन जब हम ब्रश और कलम के हैंडल को लकड़ी की सामग्री से बदलने की बात करते हैं, तो हमें यह भी विचार करना चाहिए कि इससे जंगलों पर हमारी निर्भरता अधिक होगी। तथ्य की बात के रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका में सालाना दो अरब से अधिक पेन का निर्माण किया जाता है। जब यह डेटा भारत में आएगा तो यह अमेरिका से 10 गुना ज्यादा होगा। नतीजतन, अधिक संख्या में पेड़ काटे जाएंगे, इससे केवल वनों की कटाई की दर में तेजी आ सकती है। यह प्लास्टिक से भी बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है।

    => प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन का एक अंतर्निहित हिस्सा बन गया है।
    =>प्लास्टिक के बिना कई गतिविधियां संभव नहीं होंगी जैसे - डेबिट, क्रेडिट, आधार, वोटर आईडी आदि सहित सभी प्रकार के कार्ड का निर्माण और उपयोग। क्या 21वीं सदी की दुनिया, जो दूसरी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रही है,इसके लिए तैयार होगी? अब विश्व Bitcoin और Dodgecoin के बाद PLASTIC MONEY की ओर बढ़ने जा रहा है।

    =>इसके अलावा, अधिकांश तकनीकी वस्तुएं जैसे कैमरा, मोबाइल, पंखा, स्विच और कई अन्य यादें सहेजने, लोगों से जुड़ने, हवा प्राप्त करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से बिजली से दूरी बनाने में बहुत उपयोगी हैं। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक के बिना एक इलेक्ट्रीशियन के जीवन की कल्पना करें, शायद उसे हर एक मिनट में झटका लगने का खतरा होगा। नतीजतन, बिजली का उपयोग काफी कम हो जाएगा।

    => कई घरेलू सामान जैसे ब्रश का शुक, जूते-चप्पल आदि प्लास्टिक के बिना अपूरणीय प्रतीत होते हैं। कुछ लोग ब्रश के लिए नीम के उपयोग और लकड़ी की चप्पल (खडाऊ) का सुझाव दे सकते हैं। जबकि देखा जाए तो, खादी को कपड़े के रूप में उपयोग करने के बाद ज्यादातर त्वचा संक्रमण और एलर्जी विकसित करने वाले लोगों के लिए प्लास्टिक को प्रतिस्थापित करना कितना कठिन होगा। इसलिए चप्पल के रूप में किसी लकड़ी की सामग्री का उपयोग संदिग्ध है।

    => कई वाहनों के बॉडी पार्ट्स जैसे कार, स्कूटी और हमारे भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक वाहन, प्लास्टिक के बिना नहीं बन सकते।

    => कृत्रिम आभूषण, जिनका उपयोग महिलाएं करती हैं, ज्यादातर प्लास्टिक सामग्री से बनी होती हैं। यह न केवल एक सामग्री के रूप में कार्य करता है बल्कि उनकी भावनात्मक जरूरतों को भी पूरा करता है।

    => पानी के टैंक और पाइप भंडारण और पानी को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ले जाने के लिए वास्तव में सहायक होते हैं। अगर हम इन्हें किसी और चीज से बदल दें तो इमारतों की ऊंचाई पर उन विभिन्न सामग्रियों ( ख़ासकर सीमेंट) के टैंकों को रखना महंगा और मुश्किल होगा।


    मैं यहां प्लास्टिक के उपयोग को उचित नहीं ठहरा रहा हूं, बल्कि ऊपर बताई गई स्थिति के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण दे रहा हूं। हम मनुष्यों ने पहले से ही पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है; जिसके परिणामस्वरूप हम तेजी से जलवायु परिवर्तन, कई प्रजातियों के विलुप्त होने और नई बीमारियों जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। यह क्रम यहीं नहीं रुकता, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
    बेशक प्लास्टिक पर्यावरण की शत्रु है। परंतु यदि हम उन सभी वस्तुओ को, जो की प्लास्टिक से बनी है, लकड़ी के उत्पादों से प्रतिस्थापित करेंगे तो वनों पर हमारी निर्भरता और बढ़ेगी। और ना चाहते हुए भी हम एक नए रूप से वनों (जंगलों) को खत्म करते जाएंगे। उदाहरण के लिए जब अंग्रेज भारत में आए थे, तब रेल की पटरी के लिए स्लीपर्स की आवश्यकता को पूरा करने के बहुत ही बड़े स्तर पर भारत में वनो की कटाई हुई थी। जिसकी क्षतिपूर्ति आज तक हम नहीं कर पाए है। जिससे सभी भली भांति परिचित है।

    अंततः यह कहना, कि प्लास्टिक की वस्तुओं को लकड़ी से प्रतिस्थापित किया जाए, गलत होगा। हमें यह प्रयास करना होगा कि हम वनों को किसी भी अप्रत्याशित हानि से संरक्षित रखें और दैनिक जीवन में प्लास्टिक के प्रयोग को न्यूनतम कर सकें।

    P.S. -
    संप्रभा के सभी सदस्यों का तहे दिल से शुक्रिया, कि आप ने हमे इतने ज्वलंत और आवश्यक मुद्दे के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।
    बहुत बहुत धन्यवाद्।

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