सत्य बोलने का महत्व
नमस्कार दोस्तों
एक बार फिर से आप सभी का सकारात्मक दुनिया सम्प्रभा में स्वागत है।
आज फिर से हमने आपके लिए जीवन के एक और सकारात्मक पहलू पर चर्चा करने का प्रयास किया है आशा है कि आप इसे पसंद करेंगे-
जी हां दोस्तों भले ही 21वीं सदी की दुनिया में सत्य बोलने वाले व्यक्तियों को आदर्शवादी कहकर हाशिए पर कर दिया जाता हो लेकिन सत्य यह है कि सत्य बोलने से ही जीवन में सच्ची प्रगति संभव है, सत्य बोलने के मुख्य परिणाम इस प्रकार प्रस्तुत है-
- सच्ची प्रशंसा की प्राप्ति -मित्रोंं जैसा कि आप सभी को पता है कि जब सत्यभाषी व्यक्ति की प्रशंसा की जाती है तो यह सभी को अभिभूत करने वाली होती है क्योंकि यह कोई शर्त आधारित प्रशंसा नहीं होती अपितु इसका संबंध अंतर्मन से होता है।
- उच्च कोटि का आत्मविश्वास- सत्य बोलने वाले व्यक्ति का आत्मविश्वास अपेक्षाकृत उच्च कोटि का होता है क्योंकि इस व्यक्ति के मन में आत्मग्लानि नहीं होती जो कि उसके मार्ग में बाधा बन सके।
- बेहतरीन समय प्रबंधन- सत्य बोलने वाले व्यक्ति को अपनी गलतियां छुपाने के लिए बहाने तैयार करने का काम नहीं होता इसलिए वह अपने समय को दूसरे लोगों की तुलना में अधिक सदुपयोग में लाने में सक्षम होता है।
- युक्तिकरण की बजाय समाधान पर ध्यान- सत्य बोलने वाले लोग समस्या पर नहीं अपितु समाधान पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और इसी कारण वे हर समस्या का हल निकाल ही लेते हैं।
- कमी को स्वीकार करने का साहस - जो लोग सत्य सुनना और कहना पसंद करते हैं वे बिना किसी अगर - मगर के अपनी कमियों को स्वीकार कर लेते हैं इससे उनकी प्रगति की संभावना अपेक्षाकृत कई गुना बढ़ जाती है।
- दुनिया की चकाचौंध से दूर- आज के समय में हर व्यक्ति अपने आप को दुनिया के समक्ष श्रेष्ठतम व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करना चाहता है और इसके लिए वह अपना संपूर्ण जीवन भोग विलासिता की वस्तुओं के संग्रह में लगा देता है लेकिन सत्य बोलने वाले व्यक्ति को इस तथाकथित प्रसिद्धि से कोई लेना देना नहीं होता इस कारण वह तो निर्बाध रूप से आगे बढ़ता जाता है।
लेखक का संदेश--दोस्तों हम उस महान देश के निवासी हैं जिसके राजचिह्न पर लिखा है सत्यमेव जयते साथ ही हमें अपनी गौरवशाली संस्कृति के उस हिस्से को भी नहीं भूलना चाहिए जहां श्री राम सत्य की पालना के लिए वन की ओर गमन कर जाते हैं और युधिष्ठिर को सत्य की पालना के कारण ही धर्मराज का नाम दिया जाता है, अतः हमें झूठ के जाल बुनने की बजाए सत्य के स्वर्णिम मार्ग पर अपना जीवन जीना चाहिए-RAJENDRA MINA
धन्यवाद
जय हिंद जय भारत
सत्य वस्तुत: एक सुकून है, सत्य बोलने के लिए साहस चाहिए लेकिन जो इस साहसी कार्य का आदी है, उसे बेवजह तनाव तो नहीं रहता, ये तय है अर्थात् मानसिक स्वास्थ्य भी इस संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण विषय है जिसकी चर्चा की जा सकती है। 😊
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