विश्नोई समाज की उपलब्धियाँ
विश्नोई समाज की अब तक की विशेष उपलब्धियां
विश्नोई एक पंथ है, एक संप्रदाय है, एक धार्मिक समुदाय है और इन सबसे महत्वपूर्ण यह है एक नियमों और संहिताओं का मिश्रण जिनका पालन ही इस संप्रदाय का भागीदार होना है।
समय-समय पर इस समाज के लोगों द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए जो इनकी उपलब्धियों के रूप में भी याद किए जाते हैं, इन्हीं महान उपलब्धियों के कारण यह समाज संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा है।
उन्हीं महान कार्यों में से कुछ प्रमुख और महत्वपूर्ण कार्यों पर हम नजर डालते हैं-
1. अमृता देवी विश्नोई का बलिदान
इस समाज का गौरव जिसे यह समाज माँ का दर्जा देता है, उन्हीं का बलिदान समाज के द्वारा पर्यावरण के लिए किए गए महान कार्यों में गिना जाता है।
12 सितंबर सन् 1730 में अमृता देवी विश्नोई सहित 363 बिश्नोई खेजड़ी के वृक्ष को बचाने के लिए खेजड़ली में शहीद हुए थे इसे साको 363 और खेजड़ली नरसंहार के रूप में भी याद किया जाता है यह विश्व भर में वृक्षों को बचाने के लिए अद्वितीय और सर्वोच्च बलिदान है।
2. बिश्नोई टाइगर फोर्स
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए बिश्नोई टाइगर फोर्स संस्था बनाई गई है जो चौबीसों घंटे वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं के विरुद्ध कार्रवाई करती है शिकारियों को घटनास्थल से पकड़ने के बाद वन्य विभाग पुलिस के सुपुर्द करने के अलावा कोर्ट में भी शिकारियों के विरुद्ध पैरवी करती है।
3 . आखेट निषिद्ध क्षेत्र
बिश्नोई समाज की बहुतायत वाले क्षेत्रों को राज्य सरकार द्वारा आखेट निषिद्ध क्षेत्र भी घोषित किया गया है जो निम्न है-
1.जोधपुर- धवा ,डोली,गुढा विश्नोईयान,फीटकाशनी,ढेंचू,जंभेश्वरजी ,साथीन,लोहावट.
2.बीकानेर- सांवत्सर ,कोटसर,मुकाम,देशनोक
3.बाङमेर--धौरीमन्ना
4.जालौर--साँचोर
5.नागौर--जरोदा, रोटू ।
4. अमृता देवी वन्यजीव पुरस्कार-
वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दिए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार अमृता देवी वन्यजीव पुरस्कार की शुरुआत 1994 में राज्य सरकार द्वारा की गई।
यह पुरस्कार वन्य जीव सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है, जिसे वन्य जीव सुरक्षा के लिए अनुकरणीय साहस दिखाने या अनुकरणीय कार्य करने के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
वन्य जीव सुरक्षा में शामिल व्यक्तियों, संगठनों को पुरस्कार के रूप में ₹100000 की राशि प्रदान की जाती है।
5.वन्य जीवों के लिए *(विशेषकर हिरण)* प्राण की आहुति देने वाले नायक
- 29 जनवरी 2014 शहीद शैतान सिंह भादू-जाम्बा (जोधपुर)
- 2001 शहीद गंगाराम विश्नोई-ओंसियाँ (जोधपुर)
- 2007 सिपाही गंगाराम चौधरी बायतु (बाड़मेर)
- बीरबल राम खीचड़ लोहावट (जोधपुर)
- सन् 2000 गंगाराम ईशरवाल
इन उदाहरणों के अलावा भी हमें बिश्नोई समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों द्वारा वन्यजीवों के लिए प्राणों की आहुति देने के अनेक उदाहरण मिलते हैं।
6. विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला
विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला खेजड़ली गांव (जोधपुर) में लगता है यह मेला पर्यावरण संरक्षण के लिए शहीद हुए 363 बिश्नोईयों की याद में हर वर्ष लगता है, यहां पर एक शहीद स्मारक भी बना हुआ है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
7. जगह-जगह पर नर्सरी या पौधशाला की स्थापना
कुछ समय से राज्य सरकार द्वारा जगह जगह पर नर्सरी की स्थापना की गई है, जिसमें प्रमुख स्थान- S.M.S. स्टेडियम जयपुर है।
8. गुरु जंभेश्वर तकनीकी विश्वविद्यालय हिंसार (हरियाणा)
यह विश्वविद्यालय देश के टॉप विश्वविद्यालयों की गिनती में गिना जाता है इस विश्वविद्यालय में एक शोध -शाला बनी हुई है जिसमें समाज के इतिहास के बारे में बताया गया है, इस शोध-शाला से कई छात्र शोध करते हैं।
9. जांभाणी साहित्य अकादमी
यह अकादमी समय-समय पर साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करवाती है जिसमें वेबीनार, भाषण प्रतियोगिता और अन्य कार्यक्रम प्रमुख है।
साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभागियों को यह प्रोत्साहित पुरस्कार भी देता हैं।
10. आडंबर रहित समाज
समाज अपने 29 नियमों को तवज्जो देता है और इन्हीं की पालना के साथ अपना संपूर्ण जीवन व्यतीत करता है. यह समाज आडम्बरों में कम विश्वास करके गुरु जांभोजी द्वारा बताए गए नियमों का पालन करता है.
संदर्भ:
1. जम्भ सागर शब्दावली (विश्नोई समाज का प्रमुख ग्रंथ)
2.जम्भ पुराण
3.अमर ज्योति
4.जम्भ ज्योति
5. जम्भ संहिता
6. बिश्नोई धर्म प्रकाश
✍रामजीवन विश्नोई
जालबेरी (धौरीमन्ना, बाड़मेर)
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Keep it up, Ramjeevan ji!
ReplyDeleteBilkul bhai 🥰👍✍
DeleteShukriya 😊🙏🥰
Thoda accha likho
ReplyDeleteOr kosis kro
शुक्रिया ..........जी (अज्ञात😊)
Deleteबिलकुल कोशिश जारी हैं .🙏
अच्छा लिखा।
ReplyDeleteजय गुरु जम्भेश्वर! 😊
शुक्रिया भाई
Deleteजय जम्भेशवराय नम:🥰🙏
😘🙏😊
ReplyDeleteशुक्रिया ......... जी 🥰😘🙏
Deleteबहुत ही अच्छा संकलन ....जय गुरु जंभेश्वर
ReplyDeleteशुक्रिया ........ जी
Deleteजय गुरुदेव 🥰🙏
बहुत अच्छी कोशिश
ReplyDeleteशुक्रिया ........जी 🥰🙏
Deleteबहुत ही शानदार भाई
ReplyDeleteशुक्रिया भाई जी 🥰😍🙏
Deleteअच्छा लिखा..
ReplyDeleteनिरतंर प्रयासरत रहो....
शुक्रिया ......जी
Deleteबिलकुल,प्रयास जारी है.🥰🙏
Gjb bhai ji😍
ReplyDeleteशुक्रिया भाई जी 🥰🙏
Deleteबहुत अच्छा लिखा भाई आपने।
ReplyDeleteआप इसमें यह भी शामिल कर सकते हैं -
1.अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई महासभा की स्थापना ।
2.पिछले कुछ समय में समाज ने जीव रक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।
3. प्रो. श्याम सुंदर जी जाणी हरित व निरोगी राजस्थान के लिए पर्यावरण_पाठशाला की स्थापना।
..... राजनीतिक ,खेल और प्रशासनिक क्षेत्र में समाज की उपलब्धियां ।
बिल्कुल भाई
Deleteअवगत कराने के लिए तहे दिल से शुक्रिया 🥰🙏
अतिमहत्वपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteशुक्रिया मोहन जी 🥰🙏
DeleteVery Good!!
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