भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास

भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2019 के अनुसार पूरे विश्व में भारत पांचवें (5) स्थान पर है विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2019 का यह डाटा आईक्यू एयर विजुअल के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है यह रिपोर्ट प्रत्येक साल तैयार होती है नई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विश्व के 30 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में 21 भारत के हैं साल 2018 की रिपोर्ट में टॉप 30 प्रदूषित शहरों में भारत के 22 शहर शामिल थे



विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक अन्य देश

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार आबादी के हिसाब से बांग्लादेश सबसे ज्यादा प्रभावित है उसके बाद दूसरे नंबर पर पाकिस्तान फिर मंगोलिया, अफगानिस्तान और पांचवें स्थान पर भारत आता है इस रिपोर्ट में चीन 11 वे स्थान पर है

क्यों पीएम (P.M) 2.5 हानिकारक है? 

वायुजनित प्रदूषण में 2.5 माइक्रोन या उससे भी कम व्यास वाले प्रदूषक तत्व सबसे खतरनाक माने जाते हैं यह इतनी छोटे होते हैं कि श्वसन तंत्र के जरिए खून में चले जाते हैं जिससे अस्तमा फेफड़ों का कैंसर या हृदय रोग हो सकते हैं

10 लाख या अधिक आबादी वाले दुनिया के सबसे बड़े शहरों में 2019 में पीएम 2.5 का जहर सबसे ज्यादा भारत की राजधानी नई दिल्ली में घुला है

वायु प्रदूषण को कम करने के सरकार द्वारा किए गए प्रयास

(1) वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981

भारत सरकार धारा बढ़ते औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण पर निरंतर हो रहे वायु प्रदूषण तथा इसकी रोकथाम के लिए यह अधिनियम 29 मार्च 1981 को पारित हुआ तथा 16 मई 1981 से लागू किया गया केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ही वायु प्रदूषण अधिनियम लागू करने का अधिकार दिया गया है

अधिनियम 1981 के अनुसार केंद्र व राज्य सरकार दोनों को वायु प्रदूषण से होने वाले प्रभाव का सामना करने के लिए निम्नलिखित शक्तियां प्रदान की गई हैं:

1. राज्य के किसी भी क्षेत्र को वायु प्रदूषित क्षेत्र घोषित करना

2. प्रदूषण नियंत्रित क्षेत्रों में औद्योगिक क्रियाओं को रोकना

3. औद्योगिक इकाई स्थापित करने से पहले बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना

4. वायु प्रदूषकों के  सैम्पल इकट्ठा करना

5. अधिनियम में दिए गए प्रावधानों के अनुपालन की जांच के लिए किसी भी औद्योगिक इकाई में प्रवेश का अधिकार

6. अधिनियम के प्रावधानों को उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध मुकदमा चलाने का अधिकार

7. प्रदूषित इकाइयों को बंद करने का अधिकार

(2) वायु प्रदूषण से निपटने के लिए भारत की रणनीति 

वायु प्रदूषण वर्तमान में सबसे बड़ी वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है इसके मद्देनजर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत देश भर में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए समयबद्ध रणनीति शुरू की गई है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु नीति अगले 5 वर्षों में भारतीय शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए रोडमैप तैयार करती है

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के प्रमुख घटक

1. देश के 100 प्रदूषित शहरों में निगरानी संयंत्रों की संख्या में वृद्धि करना

2. आंकड़ों का विश्लेषण करना

3. योजना बनाने तथा इसके क्रियान्वयन मैं आम लोगों की भागीदारी

4. आंकड़ों के विश्लेषण के लिए वायु सूचना केंद्र की स्थापना करना

(3) ग्रीन गुड डीड्स (Green Good Deeds) 

औपचारिक रूप से जानकारी 2018 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ग्रीन गुड डीड्स कार्यक्रम शुरू किया था इसके तहत आम लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने और इसके सरंक्षण में उन्हें शामिल करने का प्रयास किया गया मंत्रालय ने 600 से अधिक ग्रीन गुड डेड्स की सूची तैयार कर लोगों से अपील की है कि वे अपने अच्छे हरित व्यवहार ( Green Good Behaviour) के माध्यम से हरित सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने का प्रयास करें

(4) वायु प्रदूषण रोकने में वृक्षों का योगदान

वायु प्रदूषण रोकने में वृक्षों का सबसे बड़ा योगदान है पौधो वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर हमें प्राणवायु आक्सीजन प्रधान करते हैं । अतः सड़कों शहरों पटरियों तथा रेल लाइन के किनारे तथा उपलब्ध रिक्त भू भाग पर व्यापक वृक्ष लगाएं जाने चाहिए ताकि हमारी आवश्यकता की पूर्ति के साथ साथ वायुमंडल भी शुद्ध हो सके औद्योगिक क्षेत्रों के निकट हरित पट्टियां विकसित करनी चाहिए जिसमें ऐसे वृक्ष लगाया जाए जो चिमनी के धूए से आसानी से नष्ट न हो तथा घातक गैस को अवशोषित करने की क्षमता रखते हो पीपल एवं बरगद आदी का ऱोपन इस दृष्टि से उपयोगी है

(5) पटाखों एवं आतिशबाजी पर रोक

राजस्थान सरकार द्वारा इस साल (2020) दिवाली से पहले वायु प्रदूषण में सुधार करने के उद्देश्य से पटाखों की बिक्री पर बेन लगा दिया गया और पटाखे बेचने वाले पर 20,000 रुपए का जुर्माना और पटाखे फोड़ने वाले पर ₹2000 का जुर्माना निश्चित किया गया  

प्रदूषण के लिहाज से दिवाली पर इसका सकारात्मक असर देखने को भी मिला। स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से इस सोमवार (16 नवंबर) कुछ जारी आंकड़ों के अनुसार इस दीपावली राजधानी (जयपुर) मैं पिछले साल के मुकाबले 50% कम पोलूशन हुआ

जयपुर में 10 साल बाद एयर क्वालिटी में सुधार

2011     -            280

2012     -            300

2013     -            310

2014     -            349     

2015     -             330      

2016     -             427        

2017     -             467         

2018     -             321      

2019     -              468        

2020     -              212    

(6) BS - 3  मानक वाहनों की बिक्री पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2017 से BS - 3 मानक वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी जिससे वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिली है

वायु प्रदूषण की रोकथाम के अन्य उपाय

1.  प्रदूषण कारी उद्योगों के लिए शहरी क्षेत्र से दूर अलग से कलस्टर बनाना

2. ऐसी तकनीक इस्तेमाल करना जिससे धुएं का अधिकतर भाग अवशोषित हो जाए और अवशिष्ट पदार्थ व गैसे अधिक मात्रा में वायु में न मिल पाए

3. वाहनों में ईंधन से निकलने वाले धूएं पर नियंत्रण

4. धुआं रहित चूल्हे व सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन

5. जीवाश्म ईंधन का न्यूनतम इस्तेमाल

6. वनों की अनियंत्रित कटाई पर रोक लगाने के साथ निरंतर चलने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम

7. प्रत्येक उद्योग में वायु शुद्धिकरण के यंत्र अवश्य लगाए जाए

8. पेट्रोल कारों में कैटेलिटिक कनवर्टर लगाने से वायु प्रदूषण को बहुत हद तक कम किया जा सकता है इस प्रकार की कारों में शीशा रहित पेट्रोल का प्रयोग किया जाना चाहिए

9. सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना कम वायु प्रदूषण में योगदान देने का एक निश्चित तरीका है

10. प्लास्टिक की थैलियों एवं प्लास्टिक उत्पादों को जलाने पर जहरीला धुआं उत्पन्न होता है जिससे वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है इसलिए प्लास्टिक की थैलियों एवं प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगाकर इसे कम किया जा सकता है

Reference

  1. 15 फरवरी 2020 को Live mint में प्रकाशित India's new 'Attack' on Air Pollution
  2. 17 नवम्बर को दैनिक भास्कर में " स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड" की ओर से प्रकाशित आंकड़े

लेखक (शोधकर्ता)

मोहन चौधरी

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