भारतीय वैज्ञानिकों के विचारों की भविष्य में उपादेयता

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका सम्प्रभा में। आज हम बात करने जा रहे हैं प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों के कार्यों एवं विचारों के बारे में। आइए एक - एक करके उनसे मिलने वाली प्रेरणाओं की चर्चा करते हैं-

आर्यभट्ट

आर्यभट्ट जी हमारे देश के बहुत प्रसिद्ध एवम् महान् ज्योतिषविद् एवम् गणितज्ञ रहे। उनकी रचनाएं शोध के नए आयाम स्थापित करती हैं। हमें जरूरत है कि उनसे प्रेरणा लेकर हम इन क्षेत्रों में शोध संबंधी कार्यों को गति प्रदान करें। नवीन खोज के लिए प्रतिबद्ध हों, शिक्षा व्यवस्था और शिक्षण के उन प्रतिमानों का दोहराव करें जो आधुनिक समाज की एक बहुत बड़ी आवश्यकता है।

चरक

चरक जी आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम हैं। आज के विश्व में आयुर्वेद चिकित्सा के एक महत्त्वपूर्ण उपागम के रूप में उभर रहा है जिसका श्रेय बहुत हद तक चरक जी को जाता है, जीवनशैली में आवश्यक बदलाव लाकर एक निरोगी जीवन जीने का आधार प्रदान करने वाले ऐसे वैज्ञानिक से प्रेरणा लेकर हमें भी आयुर्वेद के उपागम की ओर बढ़कर तथा इस दिशा में शोध को उन्नत करने की आवश्यकता है।

सुश्रुत

चरक जी की भाँति ही सुश्रुत जी भी अपने समय के महान आयुर्वेद के ज्ञाता एवं शल्य चिकित्सक थे। वर्तमान में दुर्भाग्य यह है कि हम अपनी परंपरा से इतना कट गये कि आज आयुर्वेदज्ञों को शल्य चिकित्सा की अनुमति देने के लिए सरकार को क़ानून पास करना पड़ रहा है परंतु इसका एक कारण भूतकाल में आयुर्वेद के नाम पर पनपे ठग भी हैं। कहीं ना कहीं हमें आवश्यकता है कि आयुर्वेदिक उपचार की पद्धति की औपचारिक शिक्षा को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए एवं इस क्षेत्र में आधुनिक विधियों से शोध कार्य हो।

नागार्जुन

नागार्जुन अपने समय के महान् रसायनशास्त्री रहे उनके कार्य से हमें व्यावहारिक शोध की प्रेरणा मिलती है। ऐसा देखा गया है कि वर्तमान में हो रहे वैज्ञानिक शोध प्रत्यक्ष तौर पर व्यावहारिक उपागम नहीं लिए हुए हैं अर्थात् शोध और व्यावहारिक स्थितियों में स्पष्ट अंतर नज़र आता है जिसे दूर किए जाने की आवश्यकता है।

भास्कराचार्य

भास्कराचार्य जी भी आर्यभट्ट की ही भाँति एक महान् गणितज्ञ रहे। हम पाते हैं कि उन्होंने उस समय इस स्तर का अध्ययन किया उन परिस्थितियों में वह आज भी मिसाल है। हमें उनसे प्रेरणा लेकर भविष्योपयोगी कार्य करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध करना होगा।

सी. वी. रमन 

सी. वी. रमन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त कर देश के एक बड़े गौरव के रूप में स्थापित हुए। वर्तमान में हमारे देश में वैज्ञानिक शोधों की गुणवत्ता एक चिंतनीय विषय है। हमें उनसे प्रेरणा लेकर भविष्य में ऐसे शोध कार्य करने होंगे जो एक प्रतिमान के रूप में स्थापित हों तात देश के लिए गौरव का विषय हो।

हरगोबिंद खुराना 

हरगोबिंद खुराना एक प्रतिष्ठित नोबेल विजेता भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होंने पहली बार प्रोटीन संश्लेषण में न्यूक्लियटाइड्स की भूमिका का अध्ययन किया। इनसे हमें निरंतर नवीन उपागमों की खोज पर केंद्रित रहने की प्रेरणा मिलती है।

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम 

हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति लाखों लोगों के आदर्श हैं। उनकी सादगी, शिक्षा से जुड़ाव और आदर्शत्व के किस्से आम हैं। उनकी महिमा का बखान किसी एक आर्टिकल की चाँद पंक्तियों में तो संभव भी नहीं। उनकी रचनाएँ जनमानस को प्रेरित करतीं आई हैं। देश के लिए उनकी निष्ठा सदैव मिसाल रही है। अतः उनसे प्रेरित होकर हमें संघर्षशील रहना चाहिए तथा कुछ बड़ा हासिल करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। 

तेज. पी. सिंह

इनका नाम उतना ज्ञातव्य तो नहीं है परंतु इनकी उपलब्धियाँ भी ध्यान देने योग्य हैं, उनके नाम अनेकोनेक अवॉर्ड्स हैं और वे प्रसिद्ध जैव-तकनीकी वैज्ञानिक रहे। अगर हम समकालीन विषय अध्ययन रुचियाँ देखें तो जैव तकनीकी उतना प्रसिद्ध विषय नहीं रहा था अर्थात् उन्होंने लीक से हटकर कार्य किया जो प्रेरणा योग्य है।

सन्दर्भ:

हनुमान बिश्नोई (2020) भारतीय वैज्ञानिकों के सराहनीय कार्य (Unpublished)

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