भारतीय अर्थव्यवस्था पर रतन टाटा का कारोबार और उसका प्रभाव
हैलो दोस्तों, रतन टाटा जी का नाम भारत के पूरे उद्योग जगत में मशहूर है तो आज हम उन्हीं के बारे में पढ़ने वाले हैं कि उन्होंने ऐसा क्या किया कि उनका नाम इतना प्रसिद्ध हो गया।
रतन टाटा की सामान्य जानकारी
रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हुए हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे । रतन टाटा ने "जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला । रतन टाटा वर्तमान में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन है।
टाटा समूह के उत्पाद
टाटा समूह की लगभग 96 कंपनियां सात अलग-अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं इनमें से 28 public listed कंपनियां हैं:
टाटा समूह की सहायक कंपनियाँ
1. ताज होटल
2. टाटा मोटर्स
3. टाटा स्टील
4. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
5. टाटा स्टील यूरोप
6. टाइटन इंडस्ट्रीज
7. टाटा पावर
8. टाटा टेलिसर्विसेज
9. टाटा कम्युनिकेशन
10. क्रोमा
11. टाटा ग्लोबल बेवरेजेस
12. ट्रेंट
13. वोल्टास
14. टाटा केमिकल्स
15. टाटा कैपिटल
16. एयर एशिया इंडिया
17. टाटा एलेक्सी
18. टाटा टेक्नोलॉजीज
19. इंडियन होटल्स कंपनी
20. टाटा कॉफी
21. टाटा पावर सोलर
22. टाटा देवू
23. जिंजर होटल
24. टाटा इन्वेस्टमेंट
25. लैंडमार्क बुकस्टोर्स
26. सीएमसी
27. टाटा इंटरएक्टिव सिस्टम्स
28. Tata Zambia
टाटा समूह का विदेशों में व्यापार
टाटा ग्रुप की 85 देशों में 100 से ज्यादा कंपनियां है टाटा समूह का लगभग 70% बिजनेस विदेश से आता है यानी टाटा की पकड़ भारत में ही नहीं विदेशों में भी मजबूत है:
विदेशों में टाटा के कुछ प्रसिद्ध उत्पाद
1. टाटा की "टेटली चाय"
2. टाटा की बसें और ट्रक तो एशिया और अफ्रीका के लगभग सभी देशों की सड़कों पर चलते हुए नजर आते हैं।
3. टाटा ने निशान मोटर्स को खरीदकर अफ्रीका में बसों और ट्रकों की बिक्री का मजबूत आधार तैयार किया है।
भारत में रतन टाटा का प्रभाव
(1) रतन टाटा का कारोबार और नेतृत्व
रतन टाटा कारोबार और नेतृत्व के बारे में यह मानते हैं कि हर कोई काम मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है पर इसमें भी नैतिकता होना आवश्यक है अर्थात नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों की पालना करना जरूरी है। उनके अनुसार हर कारोबार केवल पैसा बनाने के लिए नहीं होता है प्रत्येक कारोबारियों को अपने ग्राहकों और शेयरधारकों के लिए हर काम उचित और नैतिकता के साथ करना चाहिए ।
(2) टाटा ट्रस्ट ने स्वच्छ भारत मिशन पर खर्च किए 100 करोड रुपए से अधिक
टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा है उसने स्वच्छ भारत मिशन पर 100 करोड रुपए से अधिक खर्च किया है। स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को लांच किया गया था।
'स्वच्छता ही सेवा मिशन' के शुरुआत पर टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि उनकी कंपनी स्वच्छ भारत मिशन के समर्थन में 100 करोड रुपए से अधिक खर्च करेगी।
(3) रतन टाटा रखते हैं अपने कर्मचारियों का विशेष ध्यान
रतन टाटा अपने सभी इंटरव्यू मैं कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हैं एवं कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और वह अपने कर्मचारियों की रेस्पेक्ट करते हैं। वह अपने कर्मचारियों को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं और अपने परिवार के सदस्य की तरह ही उनकी केयर करते हैं।
(4) आम आदमी के लिए नैनो
रतन टाटा जी ने मोटरसाइकिल पर चार सवारियों से भी अधिक लोगों को बेठकर जाते देखते थे या न्यूज़पेपर में ऐसी खबरें पढ़ते थे और मध्यमवर्गीय परिवार महंगी कार नहीं खरीद पा रहे थे। तो इन सबको देखकर रतन टाटा जी ने भारतीयों के लिए बहुत ही कम मूल्यों में कार बनाने का निश्चय किया।
रतन टाटा ने 1997 में आम आदमी के लिए सस्ती और किफायती कार लाने का सपना देखा और साल 2008 में दुनिया की सबसे सस्ती और किफायती कार पेश की। जिसकी कीमत मात्र 'एक लाख रुपए' थी।
(5) 60% रोगियों का फ्री इलाज
टाटा मेमोरियल सेंटर कैंसर पर रिसर्च और उसके इलाज का एक संपूर्ण केंद्र है और यहां इलाज के लिए आने वाले 60% रोगियों का निशुल्क उपचार किया जाता है
(6) टाटा ट्रस्ट के लिए महत्वपूर्ण घोषणा
टाटा ट्रस्टस ( Tata Trusts) के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि अभी मैं टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन हूं भविष्य में कोई और भी यह पद संभाल सकता है जरूरी नहीं कि उसका सरनेम टाटा हो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) में कहा कि टाटा ट्रस्ट पर टाटा परिवार का कोई विशेष अधिकार नहीं है और आगे चलकर (भविष्य में) परिवार के बाहर का व्यक्ति भी इसकी कमान संभाल सकता है।
(7) कोरोना महामारी में रतन टाटा के सहयोग
1. उद्योग इंडस्ट्री को सीख
कोरोनावायरस महामारी में हो रही छटनी के बीच टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने उद्योग जगत को एक सीख दी है। रतन टाटा ने कहा है की कर्मचारियों को नौकरी से निकालना समाधान नहीं है। कंपनियों को अपने कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए "योर स्टोरी" के साथ एक बातचीत में रतन टाटा ने कहा कि कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्रतिक्रिया देखी गई है क्योंकि उनके बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है पर यह समस्या का समाधान नहीं है "टाटा समूह ने कोरोनावायरस महामारी के कारण किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है" यह रतन टाटा की उद्योग जगत के लिए अनमोल से एक है।
2. कोरोनावायरस से लड़ने के लिए 1500 करोड रुपए की सहायता
कोरोनावायरस की जंग में सरकार की मदद के लिए रतन टाटा सबसे आगे रहे। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने 1500 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया। इस मदद में 500 करोड़ रुपए टाटा ट्रस्ट की तरफ से तथा 1000 करोड़ रुपए टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की तरफ से प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए गए।
टाटा समूह ने कि देश में नई शुरुआत
रतन टाटा जी का तो भारत में एवं टाटा समूह में महत्वपूर्ण योगदान रहा जो हमने अब तक पढ़ा। अब बात करते हैं टाटा समूह की। टाटा समूह ने भारत में क्या नया किया-
1. पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए 8 घंटे की शिफ्ट तय करना
टाटा समूह भारत में पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए 8 घंटे की शिफ्ट तय करने वाली पहली कंपनी है। इससे पहले सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों से बीना निर्धारित शिफ्ट के काम करवाती थी।
2. भारत की पहली कपड़ा मिल
टाटा समूह का सबसे पुराना बिजनेस कपड़ा मिल का है टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा ने वर्ष 1868 में 21000 रुपयों के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। जमशेदजी ने सबसे पहले एक दिवालिया तेल कारखाना खरीदा और उसे रूई के कारखाने में बदल दिया। इसमें लाभ आने पर 2 साल बाद इसे बेचकर नागपुर में 1847 में एक रूई का कारखाना लगाया। और 1877 में भारत की पहली कपड़ा मिल खोल दी।
3. टाटा समूह ने भारत को पहली बड़ी स्टील कंपनी दी।
4. टाटा समूह ने भारत में पहला लग्जरी होटल खोला।
5. पहली देसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी।
6. टाटा समूह ने ही पहली एविएशन कंपनी टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की थी जो बाद में एयर इंडिया एयरलाइंस हो गयी।
7. ताज महल पैलेस होटल
1903 में मुंबई के समुंदर तट पर टाटा समूह ने ताज महल पैलेस होटल बनाया। यह मुंबई की पहली ऐसी इमारत थी जिसमें बिजली थी अमेरिकी पंखे लगाए गए थे। और जर्मन लिफ्ट भी मौजूद थी।
Reference
1. The amazing story of how Ratan Tata built an empire archived 9 जून 2011 at the वेबैक मशीन... रीडिफ (21 अक्टूबर 2010)
2. "Times of India article: jaguar is now an Indian" मूल से 28 जून 2008 को पूरा लिखित अभिगमन तिथि 27 फरवरी 2009
3. Faces of Enterprise : Ratan Tata
लेखक (शोधकर्ता)
मोहन चौधरी
Great Work Mohan Ji
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