राष्ट्रीय बालिका दिवस आज, पढ़िए भारत की बालिकाओं की आवाज
नमस्कार दोस्तों आप सभी के कुशल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की कामना करते हुए मैं आपको आज सकारात्मकता से प्रज्वलित भारत (संप्रभा) के इस मंच पर आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर भारत की बेटियों की आकांक्षाओं और उपलब्धियों के संबंध में एक कविता से रूबरू करवाने जा रहा हूं जो कि मेरे द्वारा स्वरचित है- हम भारत की बेटियां शिखर पर जाना चाहती हैं सरहद पर तिरंगा अब हम भी लहराना चाहती हैं कौरव दल सी बाधाओं से हम भी लड़ना चाहती हैं इस सृजन के मस्तिष्क से हम स्वप्न गढ़ना चाहती हैं भारत की माला में हम भी मोती जड़ना चाहती हैं कालीबाई और झलकारी बाई की कहानी पढ़ना चाहती हैं शिक्षा में चमक गए सितारे आगे जाना चाहती हैं हां सुनो हम गांव वाली बहनों को संग लाना चाहती हैं शरीर, मन और आत्मा में मजबूती लाना चाहती हैं दुराचारी दानवों को सबक सिखाना चाहती हैं लड़की है तो क्या हुआ देखकर ना घबराओ तुम निर्देश हमें अब देना छोड़ो बेटों को समझाओ तुम नाम सुनाई देता हमारा विज्ञान और क्रिकेट में कृपा करके मारना छोड़ो अब तो हमको पेट में अधिकार जरूरी हैं हमारे भावी भारत की निर्माता...