राष्ट्रीय बालिका दिवस आज, पढ़िए भारत की बालिकाओं की आवाज

 नमस्कार दोस्तों

आप सभी के कुशल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की कामना करते हुए मैं आपको आज सकारात्मकता से प्रज्वलित भारत (संप्रभा) के इस मंच पर आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर भारत की बेटियों की आकांक्षाओं और उपलब्धियों के संबंध में एक कविता से रूबरू करवाने जा रहा हूं जो कि मेरे द्वारा स्वरचित है-



 हम भारत की बेटियां शिखर पर जाना चाहती हैं

 सरहद पर तिरंगा अब हम भी लहराना चाहती हैं

 कौरव दल सी बाधाओं से हम भी लड़ना चाहती हैं

इस सृजन के मस्तिष्क से हम स्वप्न गढ़ना चाहती हैं 

भारत की माला में हम भी मोती जड़ना चाहती हैं

कालीबाई और झलकारी बाई की कहानी पढ़ना चाहती हैं

शिक्षा में चमक गए सितारे आगे जाना चाहती हैं

हां सुनो हम गांव वाली बहनों को संग लाना चाहती हैं

शरीर, मन और आत्मा में मजबूती लाना चाहती हैं

दुराचारी दानवों को सबक सिखाना चाहती हैं 

लड़की है तो क्या हुआ देखकर ना घबराओ तुम

निर्देश हमें अब देना छोड़ो बेटों को समझाओ तुम

नाम सुनाई देता हमारा विज्ञान और क्रिकेट में

कृपा करके मारना छोड़ो अब तो हमको पेट में

अधिकार जरूरी हैं हमारे भावी भारत की निर्माता 

फिर क्यों घर में एक सेव को बांट कर भाई नहीं खाता

गलतफहमियों के हवाले ना प्रतिभा नष्ट करो

हमारे जीवन के निर्णय पर ज्ञान ना देने का कष्ट करो

बेटियां यह चाहती है कि बेटे जितना ही प्यार दो

उन्मुक्तता से उड़ने दो और तीज और त्योहार दो


 भारत की बेटियों के विकास के लिए भविष्य में अपेक्षित प्रयास:-

1) जैसा कि हम जानते हैं कि शिक्षा विकास का सर्वोत्तम तरीका है इसलिए हमें सबसे पहले बालिकाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करनी होगी

2) हमारे शिक्षण संस्थानों में लैंगिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाए ताकि बालिकाओं के साथ हो रहे दुराचारों में कमी आ सके 

3) बालक बालिकाओं के पालन पोषण के समय से ही उन्हें विभेदीकरण की मानसिकता से दूर रखा जाए

लेखक :- RAJENDRA MINA

 धन्यवाद

जय हिंद जय भारत





Comments

  1. Nice lines 👍👍👍👍👍👍👍

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  2. बहुत सुन्दर पंक्तियां लिखी है आपने

    बालिकाओं के समान में लिखी गई ये पंक्तियां दिल की गहराइयों तक जा पहुंची

    बालिकाओं के समान में लिखी गई इन पंक्तियों के लिए दिल की गहराइयों से आपका बहुत बहुत आभार

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